किशोर उपाध्याय जी की प्रेरणादायक यात्रा : चुनौतियों से सफलता तक

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आज हमने “चुभन पॉडकास्ट” पर किशोर उपाध्याय जी से संवाद किया। आप एक राजनीतिक शख्सियत तो हैं ही परन्तु आपकी पहचान एक पर्यावरणविद की भी है। आपने जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक बहुत कार्य किये।

👆👆किशोर उपाध्याय जी के साथ हुए पूरे संवाद को इस वीडियो में सुनें।

परिचय .

आप उत्तराखंड विधान सभा में टिहरी का प्रतिनिधित्व करने वाले विधान सभा के सदस्य हैं। जनवरी 2022 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से आने के बाद से वे भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं। आप 2002 , 2007 और 2022 में टिहरी का प्रतिनिधित्व करने के लिए तीन बार चुने गए हैं । 2012 के विधानसभा चुनाव में , वे निर्दलीय उम्मीदवार दिनेश धनई से 377 मतों से हार गए थे ।

मंत्रिमंडल में स्थान –

किशोर जी ने 2002 से 2004 तक नारायण दत्त तिवारी मंत्रालय के तहत औद्योगिक विकास राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया।

जीवन की प्रेरणादायक कहानी –

आज हम उनके जीवन की वह कहानी आप सबके समक्ष प्रस्तुत कर रहे हैं, जिससे हम सब समझ सकते हैं कि जीवन की चुनौतियों को अवसर में कैसे बदला जाता है, कठिनाइयों के बीच भी सफलता की राह कैसे बनाई जाती है ?

किशोर उपाध्याय जी जब भी चुभन पटल पर आए, आपकी बातों ने हमें नया दृष्टिकोण दिया क्योंकि आपके शब्दों में ज्ञान और अनुभव की गहराई है, फिर चाहे वह गंगा सहित अन्य पवित्र नदियों की बात हो या हिमालय की। “गंगा बचाओ, हिमालय बचाओ” नाम से वे एक आंदोलन ही कर रहे हैं, जिसमें अब पूरे देश के लोग आपसे जुड़ गए हैं।

परंतु आज हम किशोर जी से उनके बारे मे ही जानेंगे क्योंकि उनकी प्रेरणादायक यात्रा हमें यह सिखाती है कि कैसे विपरीत परिस्थितियों में भी आगे बढ़ने का साहस रखा जा सकता है।

प्रारंभिक जीवन –

आपने अपने बचपन के बारे में बताया, जो कि बहुत ही कठिन परिस्थितियों में बीता। क्योंकि पहाड़ों की भौगोलिक स्थिति भी इसी प्रकार की होती है कि कुछ भी बहुत आसान नहीं होता।

विधायक किशोर उपाध्याय जी की कुलदेवी।आप उत्तराखंड की टिहरी के पाली गांव के हैं और वहां की ये कुलदेवी हैं

       किशोर उपाध्याय जी की कुलदेवी

आपका जन्म टिहरी के एक गांव पाली में हुआ जो कि एक रियासत (Princely State) थी। किशोर जी ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत अमेठी से की जो कि उत्तर प्रदेश का एक जिला है, और वह भी एक रियासत थी और उस समय अमेठी की भी दशा काफी पिछड़ी हुई थी।

राजनीतिक सफर –

किशोर जी ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी जी के साथ वहां की परिस्थितियों को जाना समझा। अमेठी के राजा रणंजय सिंह जी का आपने विशेष रूप से ज़िक्र किया, जिनका आशीर्वाद उनको प्राप्त हुआ और अब वर्तमान समय में अमेठी के राजा संजय सिंह जी का भी आपने ज़िक्र किया, जिन्हें वे अपने बड़े भाई के समान मानते हैं।

अमेठी के राज-परिवार का ज़िक्र –

किशोर जी ने अपने संवाद में अमेठी रियासत के कुलीन परिवार का ज़िक्र इसलिए भी किया क्योंकि आपका कहना है कि कमोबेश वही स्थितियां टिहरी की भी थीं, परंतु अमेठी के राजपरिवार ने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत कुछ किया, उसी से किशोर जी ने प्रेरणा भी ली और अमेठी को वे अपने राजनीतिक जीवन की पाठशाला मानते हैं।

शिक्षा दीक्षा –

आपने अपने संवाद में विशेष रूप से पहाड़ों में निवास करने वाले लोगों की कठिनाइयों का भी ज़िक्र किया, आवागमन के साधन न होने के कारण आपको अपनी हाइस्कूल की परीक्षा देने 20 किलोमीटर पैदल चल कर आना पड़ा। वहां पर कोई अस्पताल भी नहीं था।

सुंदरलाल बहुगुणा जी और चिपको आंदोलन –

आपने अपने संवाद में सुंदरलाल बहुगुणा जी के चिपको आंदोलन के बारे में तो हमें बताया ही साथ मे उन्होंने मदिरा के विरोध में भी जो आंदोलन किया, उसका भी विशेष रूप से ज़िक्र किया। आपने गौरा देवी जी के बारे में भी बताया जो कि चिपको आंदोलन से जुड़ी रहीं और नारी शक्ति का भी विशेष रूप से ज़िक्र किया। आपका अब यह प्रण है कि सुंदरलाल जी के सपनों को साकार किया जाए, जिससे देश सुरक्षित हो, हमारी सीमाएं सुरक्षित हों, और सबसे बड़ा कि पूरी मानवता सुरक्षित हो। क्योंकि हिमालय और गंगा बचेंगे तो ही मानवता बचेगी और जल, वायु और अन्न, जो कि जीवन के आधार हैं, उनकी प्राप्ति होगी।

निष्कर्ष –

किशोर जी के इस पूरे संवाद को चुभन पॉडकास्ट पर अवश्य सुनें। आपने अपने विचारों से हमें समृद्ध किया। उनकी आगे की यात्रा के लिए चुभन परिवार की तरफ से शुभकामनाएं।

One thought on “किशोर उपाध्याय जी की प्रेरणादायक यात्रा : चुनौतियों से सफलता तक

  1. सौभाग्य से किशोर जी को सुनने और सुनाना का अवसर मिला था चुभन पर 🪷💐👏

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